Facts About Shodashi Revealed

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There are numerous advantages of chanting the Shodashi Mantra, away from which The key kinds are mentioned down below:

वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—

हस्ते पङ्केरुहाभे सरससरसिजं बिभ्रती लोकमाता

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari ashtottarshatnam

पद्मरागनिभां वन्दे देवी त्रिपुरसुन्दरीम् ॥४॥

ह्रीं श्रीं क्लीं त्रिपुरामदने सर्वशुभं साधय स्वाहा॥

यस्याः विश्वं समस्तं बहुतरविततं जायते कुण्डलिन्याः ।

संरक्षार्थमुपागताऽभिरसकृन्नित्याभिधाभिर्मुदा click here

ह्रीङ्काराम्भोधिलक्ष्मीं हिमगिरितनयामीश्वरीमीश्वराणां

कर्तुं मूकमनर्गल-स्रवदित-द्राक्षादि-वाग्-वैभवं

अकचादिटतोन्नद्धपयशाक्षरवर्गिणीम् ।

Shodashi’s impact encourages instinct, helping devotees accessibility their inner wisdom and create believe in within their instincts. Chanting her mantra strengthens intuitive abilities, guiding people towards selections aligned with their maximum superior.

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।

Hadi mantras are noted for their electric power to purify and are generally useful for cleaning rituals and preparatory practices.

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